मन उलसित भयो आज

मंद मंद पवन बहे पुष्पन सुगंध लेत मन उलसित भयो आज आओ री, आओ री बसंत चपल है, वसंत चंचल है, बसंत सुन्दर है, बसंत मादक है, बसंत कामनाओं की लड़ी है, बसंत तपस्वियों के संयम की घड़ी है, बसंत )तुओं में न्यारा है, बसंत अग-जग का प्यारा है। इस ऋतु में सरसों फूलकर पूरी … Continue reading मन उलसित भयो आज